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अगस्त 11, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मेरी मोहब्बत /meri mohabhat

जब कभी तुम्हारी नजरें मुझसे बिछड़ जाए, तो ग़म ना करना, एक तस्वीर मेरी, किताबों में छुपाकर रखना। रोने का मन हो कभी तुम्हारा तो मेरा रुमाल अपनी पलकों पे रख लेना तन्हाइयों का पहरा जब, हर पल तुमको सताने लगे,  तो खुले आसमान तले, मेरी शरारतों को याद करके थोड़ा मुस्करा लेना। जब लगे तुमको कभी किसी की जरूरत तो बेशक अपने अतीत को भुलाकर, आने वाले कल की सोच लेना। नजरें ना मिला सको जब किसी अजनबी से तो होठों पर अपने मुस्कराहट बरकरार रखना। पुराने किस्सों को भुलाकर नयी कहानी ईजाद जरूर करना। हम तुमको मिलेंगे बेशक किसी ना किसी मोड़ पर मगर एतबार हमारा बिल्कुल ना करना न जाने आज की तरह, कल भी ये हादसा हो जाये। मोहब्बत होकर भी दिल टूट जाए। अब तो ख्वाहिश तुमसे इतनी सी है मेरी मोहब्बत को भुलाकर मुझे बदनाम मत करना,  मेरा जिक्र कभी अपने लबों से ना करके बस दुआ मे याद रखना।