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नवंबर 4, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Kuch nazam

Kuch nazm जिंदगी बड़ी हसीन हैं,  रुक कर एहसास तो कर एक मर्तबा , चल रहा है कब से अपनी ही धुन मे सांस तो ले एक पल जरा , सब कुछ भूलकर एक बार जी तो जरा *****************, ****,,,,,,,,,,,,,,, ********* आज दिवाली थी सोचा उस से बात कर लु एक दफा, मगर अफसोस उसने सोचा ही नहीं,  किसी और के लिए दीवाली का तोहफा सजा रहे थे, जो हर दिवाली मेरे संग था  आज वो इतना बदल गया कि बात करना भी नहीं चाहता हमसे, कुछ ना हो सका हमसे....  यू तन्हा  सारी रात याद करके उसको  अश्क़ बहा लिये हमने ***********,,,,,,,,,, ***************** जिंदगी महफूज़ रही तो  दुबारा मुलाकात होगी वरना  कब्रिस्तान की दीवारों को दूर से देख लेना  खुशबू हमारी महसूस होगी *******,,,,,,,, ***********,,,,,,,,, ***,, *,,, * आज तुझे बड़ा गुरूर है, किसी के मिल जाने से,  कि नाता ही तोड़ दिया मुझ से।   मगर अफसोस नहीं......  जब मेरे शब्द खेल.. खेलेंगे.. इस दुनिया में, सुनने को हर कोई मोहताज़ होगा मुझे।  उस वक़्त तुम्हारा ...

Is diwali kuch acha karte hai

Is-diwali-kuch-meetha-ho-jaaye इस दिवाली कुछ अच्छा करते हैं, किसी और को भी खुशियाँ देते हैं, चलो उन रिश्तों का हाथ फिर से थाम लेते हैं जिनको भुला चुके हम, उन नफरतों को मिटाकर दिल में मोहब्बत भरते हैं। इस दिवाली कुछ अच्छा करते हैं।  प्यार की रोशनी को कुछ दानों के साथ उन मासूमो को बांटते है, अबकी बार घर खुशियों से सजाते हैं, कुछ लोगो को खाने पे बुलाते हैं, इस दिवाली कुछ अच्छा करते हैं,  सब कुछ भुलाकर सब के साथ बैठते है दूसरो के लिए कुछ वक़्त निकालते हैं इस दीवाली कुछ अच्छा करते