Safar........ दुनिया कि इस भीड़ में न जाने कितने अजूबे हैै l एक तो हम हैं, बाकी सारी कायनात हैं ll यूं तो चलने का मन नहीं करता, मगर अनजानी राहे , भीड़ में ही मिला करती है l जीने का सलीका यहीं से मुकम्मल हो जाता है l अगर सफर ना होता मिलो का, तो मे न चलता l और बन जाता हिस्सा उसी भीड़ का l वो भीड़ जो नहीं देखती कभी किसी को, आजमाईश का दौर है.......... जिसमे मयस्सर भी चुरा लिये जाते हैं निकल भीड़ से इन्तिका ढूँढू कहीं,,, जहां बस मेरा ही इख्तियार हो l 😊 😊 😊 😊
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