Dil ki chahat
दिल की चाहत है कि,... तुझे कविता बना डालूं,
लफ़्ज़ों की डोर से तुझे अजीम बना डालूं ।
पढ़े जो तुझे कोई,... लबों से उसके तारीफ ही निकले,
आंसु ना सही मगर.... नम जरूर हो जायें l
शोर हो जाए जमाने में सिर्फ तेरा, मगर शोक हो जाये सिर्फ मेरा l
लम्हा ना हो मेरे लिए तुम्हारे पास, मगर लफ़्ज़ों में याद आए मेरी l
तुझे हर साख पर ऎसे उतार दु कि अख्ज हो जाए जमाना सारा l
तेरी यादों को पन्नों पर सहूलियत से ऎसे उतार दु, कि लफ्ज़ भी बोल उठे मेरे फसाने को....... l
चला गया तू दूर होकर मुझ से , शायद मेरे अल्फाज़ ही वापस ला दे तुझे l
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