Dil- e - nadan....
भूल जा ए- दिल उन बातो को
जो बड़ी तकलीफ देती है l
भुला भी दे अब तो उस शख्स को,
जिसने अशूफ्ता कर दिया तुझे...... 😇😇😇
शायद उसकी दिल्लगी अब्तर थी तेरे लिए l
क्यू जला रहा है अपने दिल को उसकी यादो में ,
तन्हा सा कर लिया उसके ख्यालातों से l
वक़्त भी काफी गुज़र चुका अब तो उसको गये हुये,
फिर भी उसका ही ख्याल क्यूं रहता है तुझे
तू जिसके लिए इतना तड़प रहा है ए दिल.... वो शख्स बेवफा निकला इतना कि जाते जाते भी रुला कर चला गया l
परवाह होती गर उसको तेरी, तो किसी और का सरमाया ना बनता l
बन भी जाता अगर किसी और का तो कोई तकलीफ नही थी मगर किसी का होने से पहले ही ठुकरा दिया खिलौना समझकर l
याद है ना , ए मेरे दिल... तूझको ,
वो कहते थे कि हम कभी जुदा ना होंगे,
अगर हो भी गए जुदा लेकिन प्यार तुम्हारे लिए वही रहेगा l
मगर वो सिर्फ बाते थी सिर्फ बाते........ दिल बहलाने के लिए l
समझता क्यू नही ए - दिल - नादान l
कहा था मेने तुमसे ए मेरे दिल कि दिल ना लगा इन अख्ज हुस्न वालों से.... ।
ये आज तेरे हैं तो कल किसी और के l
कभी एक जगह नहीं ठहरते,.... बस माहिर होते हैं दिल तोड़ने मे l
मगर तू ठहरा नादान दिल जो कर लेता है
बिना आजमाईश हर किसी पर भरोसा.....




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