सारे जहाँ की नज़र तुम पर,
मगर तुम्हारी नज़र किस पर ll
ये जहाँ है तुम्हारे पीछे, मगर तुम किसके पीछे ll
दोस्त हो या रकिब सब तुम्हें अपना बनाने को है शामिल ll
मगर तू वो साहिल हैं जो कभी ठहरता ही नहीं किसी किनारे ll
बस अपनी मंज़िल की ओर बढ़ते हुए कितनी कस्तियो को पीछे छोड़ चला तू ll
मगर कब तक यू ही एक धारा बनकर फिरोगे,
कभी तो सुकून के पल में किनारे का आशियाना लोगे ll
तब एक नज़र घुमा लेना अपनी, हम भी वही,
तुम्हारे इंतज़ार में बिच मझधार में यू तन्हा दिख जाएंगे ll
तब फासला काफी होगा हम दोनों के दरमियान
, मगर तुम एक मुस्कुराहट अपनी दे देना,
हम भी उम्र भर पीछा नहीं छोड़ेंगे
Govn......
मगर तुम्हारी नज़र किस पर ll
ये जहाँ है तुम्हारे पीछे, मगर तुम किसके पीछे ll
दोस्त हो या रकिब सब तुम्हें अपना बनाने को है शामिल ll
मगर तू वो साहिल हैं जो कभी ठहरता ही नहीं किसी किनारे ll
बस अपनी मंज़िल की ओर बढ़ते हुए कितनी कस्तियो को पीछे छोड़ चला तू ll
मगर कब तक यू ही एक धारा बनकर फिरोगे,
कभी तो सुकून के पल में किनारे का आशियाना लोगे ll
तब एक नज़र घुमा लेना अपनी, हम भी वही,
तुम्हारे इंतज़ार में बिच मझधार में यू तन्हा दिख जाएंगे ll
तब फासला काफी होगा हम दोनों के दरमियान
, मगर तुम एक मुस्कुराहट अपनी दे देना,
हम भी उम्र भर पीछा नहीं छोड़ेंगे
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