वो रुख से पर्दा उठाए झांक रहे थे मोहल्लें में,
हमने भी पूछ लिया उनको, कि आज किसका कत्ल करने का इरादा है, 😀😀..
पहले तो वो गुस्साए.😶😶. फिर थोड़ा सा शर्माए,🤗 मुस्कुराए, 😊😊....
आखों से आंखे मिलाई कहा कुछ इस तरह से....
ना निकला करो हुस्न की गलियों से, वरना कत्लेआम तुम्हारा भी हो सकता है, ll
उनकी इन बातो को सुन कर हम भी थोड़ा घबराए,,
नजरें नीची झुकाए कुछ कह ना पाये,,
फिर तोड़ चुप्पी को जवाब तलब में कह आए,ll
जब हम जैसा कोई आशिक हुस्न को देखने वाला ना हो
तो आपका बनना संवरना फीका पड़ जाए,ll
हम है तभी तो हुस्न में तुम्हारे गुले गुलज़ार हैं...
बहार है,, नहीं तो ये कब का ही मूर्झा जाए, ll
सुनते ही जवाब तलब वो गुस्से से भरे नीचे आ गए..
, हुये जब रूबरू.. __हुए जब रूबरू......
आंखों में नशा, चेहरे पे हंसी,
और उंगलियों से.... __और उंगलियों से.....
छूकर निकल गए
जाते जाते मोहब्बत का आगाज कर गए ,ll
उस दिन से.... ___उस दिन से.....
हुस्न वाले फरेबी हो गये, ll😀😀😀
हमने भी पूछ लिया उनको, कि आज किसका कत्ल करने का इरादा है, 😀😀..
पहले तो वो गुस्साए.😶😶. फिर थोड़ा सा शर्माए,🤗 मुस्कुराए, 😊😊....
आखों से आंखे मिलाई कहा कुछ इस तरह से....
ना निकला करो हुस्न की गलियों से, वरना कत्लेआम तुम्हारा भी हो सकता है, ll
उनकी इन बातो को सुन कर हम भी थोड़ा घबराए,,
नजरें नीची झुकाए कुछ कह ना पाये,,
फिर तोड़ चुप्पी को जवाब तलब में कह आए,ll
जब हम जैसा कोई आशिक हुस्न को देखने वाला ना हो
तो आपका बनना संवरना फीका पड़ जाए,ll
हम है तभी तो हुस्न में तुम्हारे गुले गुलज़ार हैं...
बहार है,, नहीं तो ये कब का ही मूर्झा जाए, ll
सुनते ही जवाब तलब वो गुस्से से भरे नीचे आ गए..
, हुये जब रूबरू.. __हुए जब रूबरू......
आंखों में नशा, चेहरे पे हंसी,
और उंगलियों से.... __और उंगलियों से.....
छूकर निकल गए
जाते जाते मोहब्बत का आगाज कर गए ,ll
उस दिन से.... ___उस दिन से.....
हुस्न वाले फरेबी हो गये, ll😀😀😀
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें