चल रहा है,समाज में जो धर्म का हाहाकार,
करता है समाज ही सबको बदनाम।
कहता है करो समाधान, बाबाओ ने किया है जो काम ।
पर किसका ? उसका जो परम्परा उसने खुद बनाई ।
प्रकृति का यहीं रहा सिद्धान्त ,
सुंदरता करती सबका नुकसान।
जहाँ पर बसती हैं सुंदरता,
जाहिर सी बात है बहकेगा इंसान ।
उस सुंदरता की माया से बचा नहीं कोई देवता या शैतान , ये तो फिर भी है इंसान।
धम॔ की आड़ में पैसा कमाना हैं कुछ लोगों का सिद्धान्त। इतने बड़े देश में लोगों को ,आता नहीं क्या ये ख़याल
जिन्दगानी में हर इंसान भाग दोड़ करेगा,
तभी तो करेगा सारे काम ।
बाबाजी भी करते हैं कमाने के उपाय,
ये तो जनता की गलती, जो जाते उनके पास ।
जनता कहती है उसको पकड़ो पर क्यूँ
आप नहीं करते क्या वो काम ।
वो धम॔ के नाम पर चलाता है रोजी रोटी,
जनता को किसने रोका, है हूनर तो करो तुम भी ये काम ।
कोई किसी को नहीं बहकाता
दुनिया देखादेखी करती है सारे काम।
अगर होता ही वो संत महात्मा
तो क्यूँ फैलाता मोह माया का जाल।
वो कभी नहीं कहेंगा कि में हूँ भगवान
हम ही तो बनाते हैं, उसको अपना भगवान ।
फिर क्यूँ उस पर इतने इल्जाम....
किसने कहा इक्कीसवीं सदी की नारी को कि जाओ उनके पास।
जिसको मिलती हैं सुख सुविधा, वो चली जाती अपने आप।
दुनिया की इस चकाचौंध में कितना बदल गया इंसान।
कल फिर आएगा वो सैलाब
जब कोई इंसान ,मानेगा फिर किसी को भगवान।
फिर वहीं गलती दोहराएगा इंसान।
तो खुद बदलो , बदलेगा समाज ।।
. Govn...
करता है समाज ही सबको बदनाम।
कहता है करो समाधान, बाबाओ ने किया है जो काम ।
पर किसका ? उसका जो परम्परा उसने खुद बनाई ।
प्रकृति का यहीं रहा सिद्धान्त ,
सुंदरता करती सबका नुकसान।
जहाँ पर बसती हैं सुंदरता,
जाहिर सी बात है बहकेगा इंसान ।
उस सुंदरता की माया से बचा नहीं कोई देवता या शैतान , ये तो फिर भी है इंसान।
धम॔ की आड़ में पैसा कमाना हैं कुछ लोगों का सिद्धान्त। इतने बड़े देश में लोगों को ,आता नहीं क्या ये ख़याल
जिन्दगानी में हर इंसान भाग दोड़ करेगा,
तभी तो करेगा सारे काम ।
बाबाजी भी करते हैं कमाने के उपाय,
ये तो जनता की गलती, जो जाते उनके पास ।
जनता कहती है उसको पकड़ो पर क्यूँ
आप नहीं करते क्या वो काम ।
वो धम॔ के नाम पर चलाता है रोजी रोटी,
जनता को किसने रोका, है हूनर तो करो तुम भी ये काम ।
कोई किसी को नहीं बहकाता
दुनिया देखादेखी करती है सारे काम।
अगर होता ही वो संत महात्मा
तो क्यूँ फैलाता मोह माया का जाल।
वो कभी नहीं कहेंगा कि में हूँ भगवान
हम ही तो बनाते हैं, उसको अपना भगवान ।
फिर क्यूँ उस पर इतने इल्जाम....
किसने कहा इक्कीसवीं सदी की नारी को कि जाओ उनके पास।
जिसको मिलती हैं सुख सुविधा, वो चली जाती अपने आप।
दुनिया की इस चकाचौंध में कितना बदल गया इंसान।
कल फिर आएगा वो सैलाब
जब कोई इंसान ,मानेगा फिर किसी को भगवान।
फिर वहीं गलती दोहराएगा इंसान।
तो खुद बदलो , बदलेगा समाज ।।
. Govn...
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