तारीफ सुनी तेरी किसी और से
तो दिल को बुरा लगा।जो मै ना जान सका,
वो किसी और से सुना तो बुरा लगा।
एहसान था तेरा मुझ पे, जो चुप रह गया
वरना तेरा ख्वाब़ अधूरा कर जाता।
यूं तो पूछने को पूछ सकता था तुमसे,
मगर तेरा झूठ भी तो पकड़ना था।
जब सच ना बोल पाया तो जाना,
कि कितना दगाबाज़ था तू।
जब बता दिया तुमको तो कहा गलत वहम है मेरा,
जो इल्ज़ाम लगाया मुझ पर।
पागल थोड़ी है हम,
जो किसी को ना समझ पाये।
एक बार चलकर मिल तो सही,
वहम है मेरा या आशिक है तेरा।
खुद पता चल जाएगा,
मगर कोन जाना चाहेगा अपनी गलती पर।
दूर से ही कह दिया बेवकूफ़ हो तुम,
मेने भी कहा हां जी बेवकूफ़ है हम।
मगर सुनो जा रहे हो तो,
ये वो तस्वीर ले जाओ जरा।
जिसको तुम वहम् बोल रही हो,
उसी के साथ की है।
देख कर चुपचाप,
चले जा रहे वो देखो जरा।



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