अजीज अफसाने....
वो छत पर से इशारे
कर रहे थे हमको,
हम थे नादान जो
पत्थर उठा के दे मारा.....
आज फिर से किसी के इंतज़ार में
शामिल होकर इस्तेमाल हो गया मे
सब जानकर भी अनजान बन गया मे.....
सांसों से जब साँसें मिलती है,
तो दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
लम्हा थम सा जाता है,
और गुस्ताखियां हो जाती है........
करना है किसी से गिले शिकवे,
तो लफ़्ज़ों से कुछ ना कहो,
बस चुप रहो, चुप रहो....
होता है जब पहली दफा प्यार
तो सब अच्छे ही लगते हैं,
और होती है जब बेवफाई
सब बुरे ही लगते हैं l
अजीब दस्तूर है मोहब्बत का,
अपना कोई बनने को राजी नहीं
गैर कोई होने नहीं देता l....
हर हुस्न वाला फरेबी होता है अक्सर,
तभी तो मोहब्बत में निकाह कम,
जनाजे ज़्यादा निकलते हैं l....
हमने भी मोहब्बत करके
कुछ हासिल नहीं किया
बस खुद को तबाह किया तबाह किया...।
वो मासूम से बनकर खड़े थे कुछ देर पहले,
मुस्कुराते हुए, किसी को ताक रहे थे शायद ।
पहलू से जब आवाज आयी किसी की तो,
शर्म से नज़रे झुका ली, और चल दिए मुस्कुरा के ।
वो छत पर से इशारे
कर रहे थे हमको,
हम थे नादान जो
पत्थर उठा के दे मारा.....
आज फिर से किसी के इंतज़ार में
शामिल होकर इस्तेमाल हो गया मे
सब जानकर भी अनजान बन गया मे.....
सांसों से जब साँसें मिलती है,
तो दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
लम्हा थम सा जाता है,
और गुस्ताखियां हो जाती है........
करना है किसी से गिले शिकवे,
तो लफ़्ज़ों से कुछ ना कहो,
बस चुप रहो, चुप रहो....
होता है जब पहली दफा प्यार
तो सब अच्छे ही लगते हैं,
और होती है जब बेवफाई
सब बुरे ही लगते हैं l
अजीब दस्तूर है मोहब्बत का,
अपना कोई बनने को राजी नहीं
गैर कोई होने नहीं देता l....
हर हुस्न वाला फरेबी होता है अक्सर,
तभी तो मोहब्बत में निकाह कम,
जनाजे ज़्यादा निकलते हैं l....
हमने भी मोहब्बत करके
कुछ हासिल नहीं किया
बस खुद को तबाह किया तबाह किया...।
वो मासूम से बनकर खड़े थे कुछ देर पहले,
मुस्कुराते हुए, किसी को ताक रहे थे शायद ।
पहलू से जब आवाज आयी किसी की तो,
शर्म से नज़रे झुका ली, और चल दिए मुस्कुरा के ।



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