जब उसका फोन आया सुबह जब जाने की तैयारी थी एक आवाज फोन की आयी थी नम्बर था कुछ जाना पहचाना मगर याद ना आया ख़्याल आया कहीं वो तो नहीं जिसके बारे में सोच रहा में कल फोन उठाया और आवाज सुनकर मुस्कुराया ये वही था जिसका मुझे इंतज़ार था कुछ बाते हुई खास हम दोनों के साथ जाने कौन सी खुशी मिली जो हुई अच्छे दिन की शुरुआत ,,,,, ,,,,,,,,,,,, ______________*********** शाम हो गई किसी को घर जाने की जल्दी, तो किसी को मिलने की बेकरारी, कोई महफ़िल में जाने को बेकरार, तो कोई कर रहा तन्हा किसी का इंतज़ार, मगर में अब भी उसी जगह पर बैठा सोच रहा हूँ, कि कहा जाऊं, कौन है, जो मेरा इंतज़ार करेगा, बस इसी सोच में सुबह से शाम और शाम से रात गुज़ार रहा हूँ समझौता करना कई बार रिश्तों को जिताने के लिए, ख़ुद को सामझोंता करना ही पड़ता है, मगर जो कुछ भी करते हैं वही तो जीत का आगाज कहलाता है, इन हालातों को खुशी से स्वीकार कर, द...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें